
हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। हालांकि, यह पर्व केवल महिलाओं तक सीमित नहीं है; पति भी इस दिन को खास बनाने के लिए कई ऐसे कदम उठा सकते हैं जो उनकी पत्नी को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके रिश्ते को और मजबूत बना सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं कि कैसे पति अपनी पत्नी के लिए इस हरियाली तीज पर कुछ अनूठा कर सकते हैं।
हरियाली तीज पर पति अपनी पत्नी के लिए क्या खास कर सकते हैं?
Video Hariyali Teej 2024: विशेष भजन | हरियाली तीज Anirudhacharya ji
यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन की स्मृति में किया जाता है, जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए उपवास रखती हैं। इस व्रत के दौरान, भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है और शृंगार के सामान अर्पित किए जाते हैं। त्योहार की महिमा और इसके पालन के महत्व को वीडियो में विस्तार से बताया गया है।
हरीयाली तीज का महिलाओं के जीवन में विशेष महत्व है, और इसे प्रेम, समर्पण, और हरियाली का प्रतीक माना जाता है। हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती की पौराणिक प्रेम कहानी से जुड़ी है, जहां माता पार्वती ने कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया। इस पर्व का आयोजन मानसून के दौरान किया जाता है, जब प्रकृति हरी-भरी हो जाती है, और इसी कारण इसे ‘हरियाली तीज’ कहा जाता है। जानिए हरियाली तीज का रहस्य
Hariyali Teej 2024: अनसुने तथ्य और रहस्य
हरीयाली तीज भारतीय त्योहारों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जो खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की शुरुआत को चिह्नित करता है और देवी पार्वती तथा भगवान शिव के मिलन की खुशी में समर्पित होता है। इस वर्ष हरीयाली तीज 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं हरे रंग के परिधान पहनती हैं, जो समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक है, और पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की प्रार्थना के लिए उपवासी रहती हैं। इस अवसर पर मंदिरों में जाकर पूजा की जाती है, रंग-बिरंगी सजावट की जाती है, और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। तीज कथा का पाठ किया जाता है, जो देवी पार्वती और भगवान शिव की प्रेम कहानी को दर्शाती है, और वफादारी, धैर्य, और पति-पत्नी के अटूट संबंधों की महत्ता को रेखांकित करती है।
हरियाली तीज 2024: शुभ मुहूर्त कब है? विस्तृत व्रत कथा
हरियाली तीज 2024 का पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल स्त्रियों के सौभाग्य और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है, बल्कि इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और पूरी श्रद्धा के साथ शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। वृंदावन में इस दिन का उत्सव विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है, जहां पारंपरिक झूले, कीर्तन और भजन के साथ महिलाएं हरियाली तीज की खुशियाँ मनाती हैं।
Hariyali Teej 2024: महत्व, क्यों और वृंदावन विशेष
हरियाली तीज के त्यौहार पर रंग-बिरंगी चूड़ियाँ पहनें। हरियाली तीज पर महिलाओं को चूड़ियाँ क्यों पहननी चाहिए, इसके पीछे एक रस्म और कारण है।
इस वीडियो में देखिए आचार्य कौशिक जी महाराज क्या कह रहे हैं कि हरियाली तीज पर महिलाओं को चूड़ियाँ क्यों पहननी चाहिए
Video Hariyali Teej 2024: महिलाओं को चूड़ियां क्यों पहननी चाहिए ?
आज मनाया जाने वाला हरियाली तीज भारत के विभिन्न भागों में विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, खासकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में। यह त्यौहार देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है, जो वैवाहिक आनंद और मानसून के मौसम की हरियाली का प्रतीक है। इस त्यौहार में पारंपरिक अनुष्ठान जैसे उपवास, हरे कपड़े पहनना और विशेष पूजा करना शामिल है। महिलाएँ फूलों से सजे झूलों पर झूलने और मेहंदी लगाने जैसी रस्मों में भी भाग लेती हैं। यह त्यौहार विशेष रूप से नवविवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है जो अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए इस दिन को मनाती हैं।