श्रीकृष्ण का संदेश: ये सरल आदत आपके जीवन को श्रेष्ठ बना देगी || Swami Bhaskaranand Ji Maharaj

भगवान कृष्ण ने शिशुपाल की 100 गालियों को सहने का अद्वितीय धैर्य दिखाया, जबकि वे पहली ही गाली पर शिशुपाल का वध कर सकते थे। यह दर्शाता है कि कृष्ण में सहनशीलता और करुणा का संगम था। उनके पास सुदर्शन चक्र जैसा शौर्य और बांसुरी जैसा प्रेम का प्रतीक दोनों ही थे। सुदर्शन चक्र उनके साहस का प्रतीक है, जबकि बांसुरी उनके प्रेम और शांति का प्रतीक है। इसके अलावा, द्वारिका के वैभव के बावजूद उन्होंने अपने बचपन के मित्र सुदामा को कभी नहीं भुलाया, जो उनकी मित्रता और स्नेह का प्रतीक है। कृष्ण की इन अद्वितीय विशेषताओं ने उन्हें एक पूर्ण व्यक्तित्व और आदर्श बना दिया।

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