नवरात्रि के नौ पवित्र दिन: कैसे पाएं मां दुर्गा की असीम कृपा

हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। यह नवरात्रि हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और भक्तों के लिए आस्था और उपासना का विशेष पर्व है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त मां से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस पवित्र समय का पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा स्वयं धरती पर निवास करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।

इन नौ दिनों में न केवल पूजा-अर्चना का महत्व है, बल्कि कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं। यदि नवरात्रि की पूजा विधि के अनुसार न की जाए, तो भक्तों को इसका पूरा फल प्राप्त नहीं होता। इसलिए, इस पवित्र पर्व के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह जानना अत्यंत आवश्यक है। आइए, जानते हैं शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों तक किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या-क्या कार्य वर्जित माने जाते हैं।

नवरात्रि की पूजा से पहले करें घर की सफाई

नवरात्रि की पूजा आरंभ करने से पहले घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। घर का वातावरण शुद्ध और स्वच्छ होना चाहिए, क्योंकि मां दुर्गा स्वच्छ स्थानों पर ही निवास करती हैं। पूजा आरंभ करने से पहले घर के मंदिर को भी साफ करें। ध्यान रखें कि मंदिर में कोई भी गंदगी या धूल न हो।

मां दुर्गा की उपासना से पहले घर से पुरानी, टूटी-फूटी या अनुपयोगी वस्तुओं को हटा देना चाहिए। यह माना जाता है कि ऐसी चीजों से घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती। विशेषकर, खराब इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और टूटी हुई चीजें घर से हटा दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मां दुर्गा की तस्वीर रखें पूजा स्थल पर

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का छोटा चित्र या तस्वीर घर के पूजा स्थल में अवश्य रखें। इस तस्वीर का आकार आपकी हथेली जितना होना चाहिए, ताकि इसे पूजा स्थल के मध्य में रखकर प्रतिदिन पूजा की जा सके। मां दुर्गा की पूजा करते समय उनका आह्वान पूरे मन और विश्वास के साथ करें और प्रतिदिन उनके स्वरूप की आराधना करें।

सात्विक भोजन का करें पालन

नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन से दूरी बनाए रखना अति महत्वपूर्ण है। इन नौ दिनों में लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। जो लोग नवरात्रि के व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से इन चीजों से बचना चाहिए। यह मान्यता है कि तामसिक भोजन से शरीर और मन अशुद्ध होते हैं, जिससे मां दुर्गा की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती।

व्रत रखने वाले भक्तों को केवल सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। फलहार और शाम के समय एक बार हल्का भोजन करना ही पर्याप्त होता है। इससे शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध रहते हैं और व्रत का पालन सफल होता है।

अखंड ज्योति जलाने के नियम

यदि आप नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाते हैं, तो यह ध्यान रखें कि पूरे नौ दिनों तक यह ज्योति बुझने न पाए। अखंड ज्योति जलाने का अर्थ है मां दुर्गा के प्रति आपकी समर्पित भावना और आस्था। ज्योति बुझने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और पूजा का प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए, नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाए रखें और इसे निरंतर जलाए रखने के उपाय करें।

बाल और नाखून काटने से बचें

नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान बाल और नाखून काटना वर्जित माना जाता है। यह एक धार्मिक मान्यता है कि जो लोग नवरात्रि के व्रत का पालन कर रहे होते हैं, उन्हें इस नियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बाल और नाखून काटना शारीरिक अशुद्धता का प्रतीक माना जाता है, जिससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। इसलिए, इन दिनों में शारीरिक शुद्धता का पालन करना आवश्यक है।

बिस्तर पर सोने से बचें

नवरात्रि के व्रत रखने वाले भक्तों को बिस्तर पर सोने से भी बचना चाहिए। इस पर्व के दौरान भक्तों को जमीन पर सोने का नियम है, जिससे वे संयम और शुद्धता का पालन कर सकें। यह मान्यता है कि जमीन पर सोने से शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इसलिए, यदि आप नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं, तो जमीन पर ही सोएं और संयम का पालन करें।

व्रत का सही पालन कैसे करें?

नवरात्रि के दौरान व्रत का पालन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। अगर आप व्रत कर रहे हैं, तो सुबह जल्दी उठें और स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को स्वच्छ करें और मां दुर्गा की आराधना करें। दिन भर में केवल फलहार करें और शाम को एक समय भोजन करें। व्रत का पालन करते समय संयम और नियमों का पालन करना अति आवश्यक है, जिससे आपकी पूजा सफल हो सके।

व्रत के दौरान ध्यान रखें कि आप मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें। किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन, गलत आचरण या गलत विचारों से दूर रहें। मन की शुद्धता से ही मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें?

  1. क्या करें:
    • मां दुर्गा की उपासना और आराधना करें।
    • घर और पूजा स्थल की सफाई करें।
    • सात्विक भोजन का सेवन करें और व्रत का पालन करें।
    • अखंड ज्योति जलाएं और उसका ध्यान रखें।
    • नौ दिनों तक शुद्धता का पालन करें और संयमित जीवन जिएं।
  2. क्या न करें:
    • तामसिक भोजन (लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा) का सेवन न करें।
    • बाल और नाखून न काटें।
    • बिस्तर पर न सोएं, बल्कि जमीन पर ही सोने का नियम पालन करें।
    • गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें।
    • गलत विचार और गलत आचरण से बचें।

शारदीय नवरात्रि का महत्व

शारदीय नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उनकी कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। मां दुर्गा के भक्त नौ दिनों तक व्रत रखकर और पूजा करके अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त करते हैं। यह समय शुद्धता और आस्था का प्रतीक है, जब भक्त मां के चरणों में अपनी भक्ति और समर्पण प्रकट करते हैं।

इस पर्व के दौरान की गई साधना और उपासना से व्यक्ति अपने जीवन की नकारात्मकताओं को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करता है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और उनके जीवन को खुशियों से भर देती हैं।