रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट बंधन का पर्व है, जो हिंदू पंचांग से उत्पन्न हुआ है और हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह पर्व भाई द्वारा अपनी बहन के लिए किए गए संघर्ष और बहन की भक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है। यह पर्व परिवारिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए एक आदर्श अवसर है और एक-दूसरे के प्रति स्नेह और सम्मान दिखाने का माध्यम है।

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रक्षाबंधन का महत्व:

रक्षाबंधन का पर्व परिवार के साथ-साथ समुदाय के अन्य सदस्यों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह बायोलॉजिकल रिश्तों से परे जाकर चचेरे भाई, करीबी दोस्त और अन्य लोगों को भी शामिल करता है। रक्षाबंधन मुख्य रूप से निम्नलिखित मूल्यों को उजागर करता है:

सुरक्षा और देखभाल: भाई अपनी बहन को किसी भी हानि से बचाने का संकल्प लेता है, जबकि बहन अपने भाई के लिए ईश्वर से समृद्धि और खुशी की प्रार्थना करती है।

एकता और बंधन: यह परिवारिक रिश्तों को मजबूत बनाए रखता है और भाई-बहन के जीवन में उनके अलग-अलग परिवारों में निभाई जाने वाली भूमिकाओं को दर्शाता है।

सांस्कृतिक धरोहर: यह परंपराओं, रीति-रिवाजों, और परिवार में निभाई जाने वाली भूमिकाओं और रिश्तों को बनाए रखने और विकसित करने में मदद करता है।

राखी क्यों हटाई जाती है जन्माष्टमी पर

अधिकतर रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी का पर्व आता है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। कुछ परंपराओं में राखी को जन्माष्टमी पर हटाया जाता है क्योंकि यह भाई द्वारा बहन की रक्षा के सफर का प्रतीक होता है।

इस पर्व का विकास:

रक्षाबंधन का त्योहार वैदिक काल से मनाया जाता है। महाभारत के एक प्रसंग में इसका उल्लेख मिलता है जब द्रौपदी ने भगवान कृष्ण के हाथ में अपने साड़ी का टुकड़ा बांधा था। इसके बदले में उन्होंने उसे उसकी रक्षा करने का वादा किया, जिसे उन्होंने अपने जीवन भर निभाया।

आजकल का रक्षाबंधन थोड़ा सा बदला हुआ है लेकिन इसका मूल रूप और समारोह अब भी वैसे ही बने हुए हैं। आजकल के समय में, रक्षाबंधन को पूरे भारत और भारतीय प्रवासी समुदाय में प्रेमपूर्वक मनाया जाता है। राखी बांधने, प्रार्थनाएं, और उपहारों का आदान-प्रदान आज भी इस त्योहार का प्रमुख हिस्सा है।

भारत में उत्सव:

रक्षाबंधन मेले: पूरे देश में मेलों के माध्यम से रक्षाबंधन का उत्सव मनाया जाता है, जहाँ राखी, मिठाइयाँ, उपहार और पारंपरिक वस्त्र बेचने वाले स्टॉल लगाए जाते हैं।

मंदिर की रस्में: रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर, कई श्रद्धालु मंदिरों में आशीर्वाद के लिए जाते हैं और मंदिरों में राखी बांधने के बड़े पैमाने पर आयोजन होते हैं।

स्कूल और कॉलेजों में उत्सव: स्कूल और कॉलेजों में रक्षाबंधन के उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जहाँ छात्र एक-दूसरे को राखी बांधते हैं।

सैनिकों को राखी: भारत में, कई महिलाएं और बच्चे सीमाओं पर जाकर सैनिकों को राखी बांधते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और शो: न्यूज़ चैनल और अन्य मनोरंजन प्लेटफ़ॉर्म विशेष कार्यक्रम, फ़िल्में और टीवी शो प्रस्तुत करते हैं जो रक्षाबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं।