तारीखआयोजन का नामविवरण
1 जनवरी, बुधवारचंद्र दर्शनचंद्र दर्शन अमावस्या के बाद चंद्रमा के पहले दर्शन को चिह्नित करता है। यह दिन धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होता है, और भक्त पूरे दिन का उपवास रखते हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद इसे तोड़ते हैं। यह नए आरंभ और आध्यात्मिक नवीनीकरण का प्रतीक है।
3 जनवरी, शुक्रवारविनायक चतुर्थीविनायक चतुर्थी, जिसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है, भगवान गणेश के जन्म का उत्सव है। इस दिन भक्त प्रार्थनाओं, भव्य मूर्ति स्थापना और शोभायात्राओं के माध्यम से भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगते हैं। यह उत्सव विसर्जन के साथ समाप्त होता है।
5 जनवरी, रविवारस्कंद षष्ठीस्कंद षष्ठी भगवान मुरुगन को समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। भक्त उपवास रखते हैं, प्रार्थनाएं करते हैं और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
6 जनवरी, सोमवारगुरु गोबिंद सिंह जयंतीगुरु गोबिंद सिंह जयंती दसवें सिख गुरु के जन्म का उत्सव है। इस दिन लोग कीर्तन, प्रार्थना और शोभायात्रा करते हैं। उनके जीवन और बलिदान का स्मरण कर उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है।
7 जनवरी, मंगलवारबनड़ा अष्टमीबनड़ा अष्टमी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है। यह त्योहार ओडिशा के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और प्रार्थना करते हैं।
7 जनवरी, मंगलवारमासिक दुर्गाष्टमीमासिक दुर्गाष्टमी देवी दुर्गा को समर्पित एक मासिक पर्व है। भक्त देवी दुर्गा से बल, रक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं और उपवास रखते हैं।
9 जनवरी, गुरुवारमासिक कार्तिगईमासिक कार्तिगई भगवान मुरुगन को समर्पित है। इस दिन भक्त तेल के दीपक जलाते हैं और भगवान से बुद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं।
10 जनवरी, शुक्रवारतैलंग स्वामी जयंतीयह पर्व तैलंग स्वामी के जन्म का उत्सव है, जो अपनी चमत्कारी शक्तियों और अध्यात्म के लिए प्रसिद्ध थे। भक्त इस दिन उनकी पूजा और स्मरण करते हैं।
10 जनवरी, शुक्रवारवैकुंठ एकादशीवैकुंठ एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उपवास, पूजा और भगवान विष्णु के नामों का जाप किया जाता है। यह मोक्ष और आध्यात्मिक प्रगति का प्रतीक है।
10 जनवरी, शुक्रवारपौष पुत्रदा एकादशीपौष पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
10 जनवरी, शुक्रवारकूर्म द्वादशीकूर्म द्वादशी भगवान विष्णु के कूर्म अवतार को समर्पित है। इस दिन उपवास और प्रार्थनाओं के माध्यम से भगवान से आशीर्वाद मांगा जाता है।
10 जनवरी, शुक्रवारधर्म सावर्णी मन्वादियह दिन धर्म सावर्णि मनु के शासन की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन धर्म और ब्रह्मांडीय व्यवस्था के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है।
11 जनवरी, शनिवारशनि त्रयोदशीयह दिन भगवान शनि को समर्पित है। भक्त भगवान शनि से ग्रह दोषों को कम करने और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
11 जनवरी, शनिवाररोहिणी व्रतजैन समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला यह व्रत समृद्धि, खुशी और आत्मिक उन्नति के लिए रखा जाता है।
11 जनवरी, शनिवारप्रदोष व्रतयह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। भक्त इस दिन उपवास और पूजा करते हैं।
12 जनवरी, रविवारस्वामी विवेकानंद जयंतीस्वामी विवेकानंद जयंती उनके प्रेरणादायक जीवन और शिक्षाओं का स्मरण है। यह दिन युवाओं को उनके आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
12 जनवरी, रविवारराष्ट्रीय युवा दिवसराष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है, जो युवाओं को अनुशासन और समर्पण के प्रति प्रेरित करता है।
13 जनवरी, सोमवारशाकंभरी पूर्णिमायह देवी शाकंभरी को समर्पित पर्व है, जो समृद्धि और पोषण का प्रतीक हैं। इस दिन भक्त विशेष पूजा करते हैं।
13 जनवरी, सोमवारअरुद्र दर्शनअरुद्र दर्शन भगवान शिव के नटराज रूप को समर्पित है। यह शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है।
13 जनवरी, सोमवारभोगी पोंगलतमिलनाडु में भोगी पोंगल घर की सफाई और नवीनीकरण का दिन है। यह फसल उत्सव का आरंभ है।
13 जनवरी, सोमवारलोहड़ीलोहड़ी पंजाब का प्रसिद्ध पर्व है, जो फसल कटाई के बाद मनाया जाता है। इसे बोनफायर, नृत्य और पारंपरिक गीतों के साथ मनाया जाता है।
14 जनवरी, मंगलवारमकर संक्रांतिमकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व है। इस दिन पतंगबाजी और तिल-गुड़ के व्यंजन बनाकर खुशी मनाई जाती है।
14 जनवरी, मंगलवारपोंगलपोंगल तमिलनाडु का प्रमुख पर्व है, जो फसल कटाई के लिए आभार व्यक्त करता है। इस दिन विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं।
तारीखदिनत्यौहारविवरण
15 जनवरीबुधवारमट्टू पोंगलमट्टू पोंगल तमिलनाडु का एक प्रमुख त्यौहार है, जो पशुओं के सम्मान में मनाया जाता है। किसान अपने पशुओं को सजाते हैं और विशेष भोज करवाते हैं।
15 जनवरीबुधवारमाघ बिहूमाघ बिहू असम में मनाया जाने वाला एक जीवंत फसल त्यौहार है, जिसमें भोज, नृत्य, अलाव और सामुदायिक भावना का प्रदर्शन होता है।
17 जनवरीशुक्रवारसकट चौथसकट चौथ विवाहित महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि और कल्याण के लिए व्रत रखती हैं और भगवान गणेश की पूजा करती हैं।
17 जनवरीशुक्रवारलंबोदर संकष्टी चतुर्थीयह भगवान गणेश को समर्पित त्यौहार है। भक्त व्रत रखते हैं और समृद्धि के लिए भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
21 जनवरीमंगलवारविवेकानंद जयंतीस्वामी विवेकानंद की जयंती उनके आध्यात्मिक शिक्षा और मानवता की सेवा के लिए समर्पित है।
21 जनवरीमंगलवारकालाष्टमीकालाष्टमी देवी काली की पूजा के लिए मनाई जाती है। भक्त व्रत रखते हैं और शक्ति व सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं।
21 जनवरीमंगलवारमासिक कृष्ण जन्माष्टमीयह भगवान कृष्ण के जन्म का मासिक उत्सव है। भक्त व्रत रखते हैं और भगवान के जीवन की कहानियां सुनते हैं।
22 जनवरीबुधवाररामलला प्रतिष्ठा दिवसयह भगवान राम के बाल स्वरूप की स्थापना और पूजा का पर्व है, जो भक्ति और शुद्धता का प्रतीक है।
23 जनवरीगुरुवारसुभाष चंद्र बोस जयंतीस्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को उनके देशभक्ति और आजादी के संघर्ष के लिए सम्मानित किया जाता है।
25 जनवरीशनिवारषट्तिला एकादशीभगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत तिल और जल के दान के साथ मनाया जाता है, जो आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि का प्रतीक है।
26 जनवरीरविवारगणतंत्र दिवस26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ। इस दिन को राष्ट्र के गौरव और सांस्कृतिक समारोहों के साथ मनाया जाता है।
27 जनवरीसोमवारमेरु त्रयोदशीभगवान शिव और मेरु पर्वत की पूजा का पर्व है, जो आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है।
27 जनवरीसोमवारप्रदोष व्रतप्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। भक्त प्रदोष काल में व्रत रखते हैं और प्रार्थना करते हैं।
27 जनवरीसोमवारमासिक शिवरात्रिभगवान शिव को समर्पित मासिक त्यौहार, जिसमें भक्त व्रत रखते हैं और शिव की पूजा करते हैं।
29 जनवरीबुधवारमौनी अमावस्याइस दिन भक्त मौन व्रत रखते हैं, पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और आत्मशुद्धि और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।
29 जनवरीबुधवारथाई अमावस्यातमिल महीने थाई की अमावस्या को पूर्वजों को सम्मान देने के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं।
29 जनवरीबुधवारदर्श अमावस्याइस अमावस्या पर पूर्वजों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।
29 जनवरीबुधवारअन्वाधानअन्वाधान एक वैदिक अनुष्ठान है जो पवित्र अग्नि के पुनःस्थापन और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
29 जनवरीबुधवारमाघ अमावस्यायह पवित्र नदियों में स्नान और पूर्वजों के लिए अनुष्ठान करने का एक महत्त्वपूर्ण पर्व है।
30 जनवरीगुरुवारमाघ नवरात्रिदेवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए माघ नवरात्रि मनाई जाती है।
30 जनवरीगुरुवारगांधी पुण्यतिथिमहात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके अहिंसा और सत्य के संदेश को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
30 जनवरीगुरुवारइष्टियह वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें पवित्र अग्नि में आहुति देकर समृद्धि और आशीर्वाद मांगे जाते हैं।
30 जनवरीगुरुवारचंद्र दर्शनचंद्र दर्शन का धार्मिक महत्व है। इसे देखने से शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।