जानिये आज का पंचांग और चौघड़िया, राहु काल, तिथि | 7 जुलाई 2024

आज का पंचांग

  • दिनांक: 7 जुलाई 2024, रविवार
  • विक्रम संवत: 2081
  • शक संवत: 1946
  • माह: आषाढ़, शुक्ल पक्ष
  • तिथि: अष्टमी (अष्टमी तिथि का प्रारंभ 6 जुलाई को रात्रि 11:47 से और समापन 7 जुलाई को रात्रि 11:34 पर)
  • नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी (उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का प्रारंभ 6 जुलाई को सुबह 9:17 से और समापन 7 जुलाई को सुबह 8:48 पर)
  • योग: ब्रह्म योग (ब्रह्म योग का प्रारंभ 6 जुलाई को शाम 6:22 से और समापन 7 जुलाई को शाम 5:45 पर)
  • करण: बव (बव करण का प्रारंभ 6 जुलाई को रात्रि 11:47 से और समापन 7 जुलाई को दोपहर 12:57 पर) और बालव (बालव करण का प्रारंभ 7 जुलाई को दोपहर 12:57 से और समापन 8 जुलाई को सुबह 1:03 पर)

आज का चौघड़िया

  1. प्रातःकाल (सुबह 6:00 से सुबह 7:30 तक) – शुभ
  2. प्रातःकाल (सुबह 7:30 से सुबह 9:00 तक) – रोग
  3. प्रातःकाल (सुबह 9:00 से सुबह 10:30 तक) – उद्वेग
  4. पूर्वाह्न (सुबह 10:30 से दोपहर 12:00 तक) – चर
  5. मध्यान्ह (दोपहर 12:00 से दोपहर 1:30 तक) – लाभ
  6. अपराह्न (दोपहर 1:30 से अपराह्न 3:00 तक) – अमृत
  7. सायंकाल (अपराह्न 3:00 से सायंकाल 4:30 तक) – काल
  8. सायंकाल (सायंकाल 4:30 से सायंकाल 6:00 तक) – शुभ

आज का राहु काल

  • राहु काल: आज का राहु काल सुबह 4:30 से 6:00 बजे तक है। इस समय के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

  • चन्द्रमा की स्थिति: चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा।
  • सूर्योदय: सुबह 5:35 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 7:12 बजे

तिथि और महत्वपूर्ण त्यौहार

आज अष्टमी तिथि है। अष्टमी तिथि का धार्मिक महत्व है और इसे व्रत और पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन देवी माँ की पूजा का विशेष महत्व है।

विशेष पूजा एवं अनुष्ठान

  1. व्रत और उपवास: अष्टमी तिथि को व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी माँ के उपासक व्रत रखते हैं और उनके निमित्त पूजा-अर्चना करते हैं।
  2. विशेष अनुष्ठान: आज के दिन घर में देवी माँ के निमित्त हवन और विशेष पूजा करवाई जा सकती है। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

शुभ मुहूर्त

आज के दिन विवाह, गृह प्रवेश, वाहन क्रय, व्यवसाय प्रारंभ और अन्य शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त समय निम्नलिखित हैं:

  • शुभ मुहूर्त: प्रातः 6:00 से 7:30 और सायं 4:30 से 6:00 बजे तक।
  • अमृत काल: दोपहर 1:30 से अपराह्न 3:00 बजे तक।