
भगवान होते हैं तो क्यों नहीं दिखते? जानिए अनिरुद्धाचार्यजी की गहरी व्याख्या
यदि ईश्वर का अस्तित्व है, तो हम उसे क्यों नहीं देख सकते?” अनिरुद्धाचार्य जी ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव करने के लिए आवश्यक विश्वास, धारणा और आध्यात्मिक समझ की अवधारणा का पता लगाता है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि ईश्वर को देखना भौतिक दृष्टि से नहीं बल्कि आंतरिक अनुभूति और भक्ति से जुड़ा है।
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