मारकंडेय ऋषि की कथा: संतों के आशीर्वाद का अद्भुत प्रभाव | अनिरुद्धाचार्य जी महाराज

प्राचीन काल में एक बालक हुआ, जिसका नाम मारकंडेय था। उनके पिता, जो एक महान ज्योतिषी थे, उन्हें भगवान शिव की कृपा से संतान की प्राप्ति हुई। लेकिन जब बच्चे का जन्म हुआ, तो शंकर भगवान ने कहा कि यह बालक मात्र 12 साल की आयु तक ही जीवित रहेगा। इस भविष्यवाणी ने मारकंडेय के माता-पिता को अत्यधिक चिंतित कर दिया, क्योंकि उनके पुत्र की आयु बहुत ही कम थी।

मारकंडेय के माता-पिता संतों के पास गए, और उनसे पूछा कि वे क्या करें ताकि उनके पुत्र की आयु बढ़ सके। संतों ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने बच्चे को सभी संतों को प्रणाम कराएं। जब भी कोई संत आए, तो मारकंडेय उनसे आशीर्वाद लें।

बालक मारकंडेय ने सभी संतों को प्रणाम किया, और उन्हें सभी से “दीर्घायु भव” का आशीर्वाद मिला। एक दिन, एक सिद्ध संत उनके घर आए। मारकंडेय ने उन्हें भी प्रणाम किया, और संत ने उन्हें दीर्घायु का आशीर्वाद दिया। मारकंडेय के पिता ने उस संत से कहा, “गुरुजी, आपने दीर्घायु का आशीर्वाद दिया, लेकिन कल तो मेरे पुत्र की मृत्यु निश्चित है। क्या आपका आशीर्वाद सच्चा होगा?”

संत ने अपनी तपस्या के बल पर ब्रह्मा जी से संपर्क किया और उनसे प्रार्थना की कि इस बालक की आयु को बढ़ाया जाए। संतों के वचन और तपस्या के फलस्वरूप मारकंडेय की आयु बढ़ा दी गई। वह बालक, जो 12 वर्ष की आयु में मरने वाला था, आगे चलकर महान ऋषि मारकंडेय बने और अमर हो गए।

इस कथा से यह संदेश मिलता है कि संतों और गुरुओं का आशीर्वाद अत्यधिक प्रभावशाली होता है। इसलिए हमें सदा संतों का सम्मान करना चाहिए और उनके आशीर्वाद का लाभ उठाना चाहिए। आज के युग में, जब हम अपने बड़ों और संतों का आदर करते हैं, तो हमें दीर्घायु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

संतों और गुरुओं को सच्चे हृदय से प्रणाम करना चाहिए, और उनका आदर करना चाहिए। यह परंपरा हमें सदियों से सिखाई गई है और इसका पालन करना हमारे जीवन को समृद्ध बना सकता है।

संबंधित विषय

Sawan 2024  Shiv Bhagwan

ये भी पढें

Shiv Mahapuran: शिव की कृपा | एक पापी की मुक्ति की प्रेरक कथा
Sawan 2024: इन 4 राशियों को मिलेगी शिव की विशेष कृपा

Mahamrityunjaya Mantra: लाभ और साधना विधि