हरियाली अमावस्या: बेल के जड़ और चंदन से करें महाउपाय, पितरों को मिलेगी तृप्ति और आपको आनंद

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो भगवान के भक्तों की निंदा करते हैं, चाहे वे गले में तुलसी और रुद्राक्ष पहनें या माथे पर चंदन लगाएं। ये निंदक लोग मंदिर में पूजा करने वाले भक्तों को भी ताने मारते हैं और उनके आस्था पर सवाल उठाते हैं। लेकिन भगवान शंकर का कहना है कि यह निंदा केवल पाप है और इससे निंदा करने वाले मुक्त नहीं हो सकते। निंदा करने से न केवल पाप बढ़ता है बल्कि इससे पितरों को भी कष्ट होता है। जो लोग निंदा करते हैं, वे कभी भी शांति और मुक्ति नहीं पा सकते, क्योंकि यह एक गहरी मानसिकता की बात है। भस्म, रुद्राक्ष, और चंदन जैसे साधनों का सही उपयोग कर भक्त अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं और इस तरह के निंदकों से दूर रहना चाहिए।

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