क्या भगवान हैं जिम्मेदार? गरीबी और भूख का सच | श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज

हम सभी ने कभी न कभी यह सवाल जरूर उठाया होगा कि अगर भगवान है तो दुनिया में कोई गरीब क्यों है? कोई भूखा क्यों है? कोई परेशान क्यों है? इस प्रकार के प्रश्न हमारे जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों के बीच स्वाभाविक रूप से उठते हैं। लेकिन क्या वाकई यह सब भगवान की जिम्मेदारी है, या फिर हमारे अपने कर्मों का परिणाम है? इस लेख में, हम इस विषय पर गहराई से विचार करेंगे और समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर क्यों कुछ लोग गरीबी, भूखमरी, और परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

भगवान का दिया हुआ शरीर और हमारी जिम्मेदारी

भगवान ने हर इंसान को एक स्वस्थ शरीर दिया है, सोचने की क्षमता दी है, और कार्य करने की शक्ति दी है। हमने अपनी आँखों, कानों, हाथों, और पैरों का उपयोग सही दिशा में नहीं किया, तो इसका दोष भगवान को देना कितना उचित है? अंबानी, अडानी, टाटा जैसे सफल व्यक्तियों के पास भी उतनी ही शारीरिक क्षमताएं हैं जितनी हमारे पास हैं। उनके पास भी वही दो हाथ, दो पैर, और एक मस्तिष्क है। फिर क्या कारण है कि वे आज इतने सफल हैं? इसका कारण है उनकी मेहनत, उनका समर्पण, और उनका अपने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण।

भगवान ने हमें जो शरीर और दिमाग दिया है, उसे सही दिशा में इस्तेमाल करके हम भी अपनी स्थिति को बदल सकते हैं। अगर हम मेहनत नहीं करते, और फिर भी अपनी असफलताओं का दोष भगवान को देते हैं, तो यह हमारी अकर्मण्यता का प्रतीक है, न कि भगवान की कमी का।

मेहनत का महत्व और भगवान की भूमिका

आज के समय में बहुत से लोग अपनी असफलताओं का दोष अपने भाग्य, भगवान, या अन्य परिस्थितियों पर डालते हैं। वे यह समझने से इंकार करते हैं कि उनकी असफलता का मुख्य कारण उनकी खुद की कमी है। जो लोग मेहनत करते हैं, वे कभी भूख या गरीबी का सामना नहीं करते। वे अपनी मेहनत से गरीबी की छाती को चीरकर आगे बढ़ते हैं। वहीं, जो लोग काम नहीं करते, वे केवल रोने के लिए ही रह जाते हैं।

यह सोचना गलत है कि भगवान ने किसी को भूखा मरने के लिए छोड़ दिया है। भगवान ने हमें कमाने और खाने की ताकत दी है, और अगर हम इस ताकत का सही उपयोग नहीं करते, तो इसमें भगवान का दोष नहीं है। अंबानी और अडानी जैसे लोग भी इसी दुनिया में रहते हैं, और उन्होंने अपनी मेहनत और दिमाग से सफलता पाई है। अगर हम भी उतनी ही मेहनत करें, तो हमें भी सफलता मिल सकती है।

भाग्य और मेहनत का संबंध

बहुत से लोग यह कहते हुए सुने जाते हैं कि उनके भाग्य में ही सफलता नहीं है। लेकिन क्या हमने उस भाग्य को बदलने के लिए कोई मेहनत की है? भाग्य और मेहनत का गहरा संबंध है। भगवान ने हमें सब कुछ दिया है, लेकिन अगर हम उस दिए हुए को सही तरीके से उपयोग नहीं करते, तो इसका परिणाम असफलता ही होगा।

अक्सर लोग कहते हैं कि भगवान होते तो कोई गरीब क्यों होता? लेकिन यह सोच गलत है। भगवान ने हमें मेहनत करने की शक्ति दी है, लेकिन अगर हम इस शक्ति का इस्तेमाल नहीं करते, तो हमारी गरीबी का दोष भगवान पर नहीं डाला जा सकता। मेहनत और परिश्रम के बिना किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना मुश्किल है।

मेहनत की सही दिशा और उसका महत्व

मेहनत करने का मतलब केवल काम करना नहीं है, बल्कि सही दिशा में काम करना है। अगर हम पानी में लाठियाँ पीटते रहेंगे, तो मेहनत तो होगी, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकलेगा। सही दिशा में किया गया परिश्रम ही सार्थक होता है। आज के युवा अक्सर समय बर्बाद करने में लगे रहते हैं, जबकि उनके पास मेहनत करने और अपनी स्थिति को सुधारने का समय होता है।

जो लोग मेहनत से डरते हैं, वे कभी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकते। मेहनत करने वाले हमेशा आगे बढ़ते हैं, और आलसी लोग केवल अपनी असफलताओं का रोना ही रोते रहते हैं। लक्ष्मी माता उन लोगों के साथ होती हैं जो मेहनत करना जानते हैं। आलस्य में डूबे रहने वाले लोग कभी भी लक्ष्मी का आशीर्वाद नहीं पा सकते।

आधुनिक युवा और उनका दृष्टिकोण

आजकल के युवा अक्सर अपने समय का सदुपयोग नहीं करते। वे देर रात तक जागते हैं, दिन में देर तक सोते हैं, और अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में वे अपने जीवन में कैसे सफल हो सकते हैं? जो युवा अपने बाप के टुकड़ों पर पलते रहते हैं, वे कभी भी अपने जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर सकते। अगर वे मेहनत करें, तो वे अपने बाप से भी अधिक कमा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी सोच बदलनी होगी।

मेहनत करने वालों के लिए कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। लता मंगेशकर जैसी महान गायिका को ही देख लें, उनकी सफलता का राज उनकी मेहनत और समर्पण था। अगर वे भी अन्य लोगों की तरह आराम करती रहतीं, तो शायद वे कभी इतनी महान नहीं बन पातीं। हर क्षेत्र में मेहनत की जरूरत होती है, चाहे वह संगीत हो, व्यापार हो, या फिर कोई अन्य क्षेत्र।

समय का सदुपयोग और सफलता का रहस्य

समय का सदुपयोग करना ही सफलता का सबसे बड़ा रहस्य है। जो लोग अपने समय का सही उपयोग करते हैं, वे जीवन में हर क्षेत्र में सफल होते हैं। आज के युवा अक्सर अपने समय को व्यर्थ की गतिविधियों में बर्बाद कर देते हैं। अगर वे अपने समय का सही उपयोग करें, तो वे भी जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।

जो लोग अपना समय बर्बाद करते हैं, वे सबसे बड़े मूर्ख होते हैं। समय कीमती है, और इसे बर्बाद करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकता। मेहनत, सही दिशा, और समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है।

संबंधित विषय

Anirudhacharya ji
ये विडियो भी देखें 
Video: हमेशा खुश रहने का रहस्य | Anirudh Acharya ji
Video: अपना जीवन बदलें, यह वीडियो सुनें | Anirudh Acharya ji Maharaj
Video: अगर आप भी जीवन की समस्याओं से संघर्ष कर रहे हैं, तो यह वीडियो अवश्य देखें।

ये भी पढें

कर्म और भाग्य: जानिए कैसे आपके कर्म ही बनाते हैं आपका भाग्य ?