नास्तिक राजा और मासूम बच्ची: भक्ति का अनोखा सबक | श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज

एक समय की बात है, एक राजा था जो नास्तिक और नालायक के रूप में जाना जाता था। वह धार्मिक और आस्तिक मान्यताओं को चुनौती देता था और खुद को उनसे ऊपर समझता था। एक दिन, राजा ने अपने दरबार में एक चौंकाने वाला आदेश जारी किया। उसने कहा, “या तो मेरे सवालों का उत्तर दो, वरना मैं सारे मंदिर तोड़ दूंगा।”

राजा का यह आदेश सुनकर नगर में हाहाकार मच गया। लोग डरे हुए थे, क्योंकि मंदिर उनकी धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रतीक थे। राजा के सवालों के जवाब देने के लिए बड़े-बड़े विद्वानों को बुलाया गया, लेकिन राजा किसी के उत्तर से संतुष्ट नहीं हुआ।

राजा के सवाल

राजा ने तीन सवाल पूछे:

  1. अगर भगवान हैं, तो दिखते क्यों नहीं?
  2. इस समय भगवान किस दिशा में देख रहे हैं?
  3. इस समय भगवान क्या कर रहे हैं?

राजा ने घोषणा की कि अगर कोई इन सवालों का सही जवाब दे सके, तो वह मंदिरों को नहीं तोड़ेगा। अन्यथा, सभी मंदिर तोड़ दिए जाएंगे।

विद्वानों की असफलता

बड़े-बड़े विद्वान और बुद्धिजीवी राजा को समझाने आए। उन्होंने अपने-अपने तर्क और धार्मिक दृष्टिकोण से राजा को संतुष्ट करने की कोशिश की, लेकिन राजा ने किसी के भी तर्क को मानने से इनकार कर दिया। उसने कहा, “मुझे किसी धार्मिक दृष्टिकोण की नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक उत्तर की आवश्यकता है।”

नगर में निराशा का माहौल था। भक्तजन रोने लगे। वे अपने धार्मिक स्थलों को खोने का दर्द सहन नहीं कर पा रहे थे।

लड़की का आगमन

उसी नगर में एक बूढ़ा आदमी था जो राजा के इस फैसले से बेहद दुखी था। उसकी छोटी बेटी ने अपने पिता को रोते हुए देखा और पूछा, “पिताजी, आप रो क्यों रहे हैं?” बूढ़े ने उसे पूरी कहानी सुनाई और राजा के सवालों के बारे में बताया। लड़की ने कहा, “पिताजी, मैं राजा को उत्तर देकर आती हूं।”

लड़की अपने छोटे कद और मासूमियत के साथ राजा के दरबार में पहुंची। उसने कहा, “महाराज, मैं आपके सवालों का उत्तर देना चाहती हूं।” दरबार में मौजूद सभी लोग हैरान थे कि इतनी छोटी बच्ची कैसे राजा के कठिन सवालों का जवाब दे पाएगी।

पहला सवाल: भगवान क्यों नहीं दिखते?

राजा ने पहला सवाल पूछा, “अगर भगवान हैं, तो दिखते क्यों नहीं?” लड़की ने राजा से कहा, “महाराज, मुझे पहले एक कटोरा दूध पिलवाइए। मैं दूध पीने के बाद आपके सवाल का उत्तर दूंगी।”

राजा ने कटोरे में दूध मंगवाया। लड़की ने कटोरा उठाया और कहा, “महाराज, इस कटोरे में आपको क्या दिखाई दे रहा है?” राजा ने जवाब दिया, “दूध।” लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज, इस दूध में मक्खन भी है, लेकिन वह आपको दिखाई नहीं दे रहा।”

लड़की ने समझाया, “जैसे दूध में मक्खन होता है, लेकिन वह दिखाई नहीं देता, वैसे ही भगवान हर जगह हैं, लेकिन वे हमारी आंखों से दिखाई नहीं देते। इसका मतलब यह नहीं है कि वे मौजूद नहीं हैं। भगवान की उपस्थिति को महसूस करने के लिए भक्ति और विश्वास की आवश्यकता होती है।”

दूसरा सवाल: भगवान किस दिशा में देख रहे हैं?

राजा ने दूसरा सवाल पूछा, “इस समय भगवान किस दिशा में देख रहे हैं?” लड़की ने कहा, “महाराज, यह बताने से पहले, क्या आप मुझे एक दीपक जलाकर दे सकते हैं?” राजा ने दीपक जलवाया और लड़की को दे दिया।

लड़की ने दीपक को चारों दिशाओं में घुमाया और फिर कहा, “महाराज, यह दीपक जिस दिशा में भी घुमाया जाए, उसकी रोशनी हर तरफ जाती है। उसी तरह, भगवान की दृष्टि हर दिशा में होती है। वे हर समय, हर जगह, और हर दिशा में सब कुछ देख रहे हैं।”

तीसरा सवाल: भगवान क्या कर रहे हैं?

राजा ने तीसरा और अंतिम सवाल पूछा, “इस समय भगवान क्या कर रहे हैं?” लड़की ने गहरी सांस ली और कहा, “महाराज, इस समय भगवान आपको सही रास्ता दिखाने के लिए मुझे प्रेरित कर रहे हैं। वे इस समय आपके अंदर छिपी आस्था को जगाने का प्रयास कर रहे हैं।

संबंधित विषय

Anirudhacharya ji

ये विडियो भी देखें 
Video: मंदिर में मठ से पहले यह जरूर करें | श्री अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज | Dhaarmi Bites