अध्यात्मगुरु महामंडलेश्वर कृष्णानंद जी

अध्यात्मगुरु महामंडलेश्वर कृष्णानंद जी ने धर्मी ऐप को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्म का मूल अर्थ “धारण करना” है।

उन्होंने बताया कि सनातन धर्म ना तो नूतन है और ना ही पुरातन, बल्कि यह अनादि और अनंत है, जो करोड़ों वर्षों से वैसा ही बना हुआ है और हमेशा रहेगा। उन्होंने इस धर्म की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि धैर्य, क्षमा, सत्य, और इंद्रियों का संयम जैसे गुण इसके मूल लक्षण हैं। साथ ही उन्होंने इस धर्म की समरसता और विविधता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें नागपंचमी, रक्षाबंधन, और जन्माष्टमी जैसे पर्वों का महत्व है। महाराज जी ने सनातन धर्म की सहिष्णुता का उदाहरण देते हुए कहा कि यह धर्म हिंसा से दूर है और सदैव सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलता है।

उन्होंने धर्मी ऐप की सफलता की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि यह ऐप सनातन धर्म की ध्वजा को और ऊंचाई तक ले जाएगा।