श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2024: कैसे पाएं भगवान की विशेष कृपा इस पावन अवसर पर?

27 अगस्त 2024 को एक विशेष दिन के रूप में मनाया जाएगा, क्योंकि इस दिन श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन धाम में भगवान श्री कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस वर्ष का जन्माष्टमी महोत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में हो रहा है, जो वही नक्षत्र है जिसमें भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। यह महोत्सव भक्तों के लिए एक अनुपम अवसर है, जब वे भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करके अपनी भक्ति को प्रगाढ़ कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

कैसे मनाएं जन्माष्टमी का यह पवित्र उत्सव

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने और उनकी सेवा करने के लिए कुछ विशेष विधियों का पालन करना आवश्यक है। यहाँ पाँच महत्वपूर्ण वस्तुएं और विधियाँ बताई जा रही हैं, जो इस जन्माष्टमी को और भी विशेष बना देंगी:

  1. बांसुरी: भगवान श्री कृष्ण को बांसुरी बहुत प्रिय है। इसलिए, पूजा स्थल पर ठाकुर जी के पास बांसुरी अवश्य रखें। यह उनकी कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
  2. माखन और मिश्री: कान्हा को माखन और मिश्री अत्यधिक प्रिय हैं। इसलिए, इस दिन इनका भोग ठाकुर जी को अवश्य लगाएँ। यह भगवान के साथ आपके संबंध को और भी मधुर बनाएगा।
  3. गुलाब का इत्र: ठाकुर जी को सुगंधित इत्र बहुत पसंद है। गुलाब के सुंदर इत्र से भगवान का अभिषेक करें और मंदिर को भी महकाएँ। यह भक्तिपूर्ण वातावरण को और भी दिव्य बना देगा।
  4. पांच भोग: भगवान श्री कृष्ण को आपके द्वारा प्रेमपूर्वक बनाए गए पाँच अति प्रिय व्यंजन अवश्य अर्पित करें। यह पांच भोग उनकी सेवा में समर्पित करें, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
  5. नए वस्त्र: ठाकुर जी को नए वस्त्र पहनाना बहुत शुभ माना जाता है। भगवान का सुंदर श्रृंगार करके उन्हें नए वस्त्र पहनाएँ। इससे उनकी कृपा आप पर बनी रहेगी और आपके सभी दुख दूर हो जाएंगे।

पूजा विधि और आरती

जन्माष्टमी के इस पवित्र दिन की शुरुआत जमुना जल से ठाकुर जी को स्नान कराकर करें। इसके बाद, उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएँ और उनके मस्तक पर चंदन का तिलक लगाएँ। भगवान को सुंदर मुकुट धारण करवाएँ और पुष्पों की माला अर्पण करें। भाव-भक्ति से सुंदर फल और मिष्ठान्न अर्पित करें। इसके बाद, बांके बिहारी जी की आरती गाएं और श्री शालिग्राम जी का पूजन करें। इस प्रकार, महामंत्र और हरे कृष्ण मंत्र का जप करते हुए इस पवित्र जन्माष्टमी महोत्सव को मनाएं।

इस विधि से अगर आप भक्ति पूर्वक भगवान श्री कृष्ण की पूजा करेंगे, तो उनकी कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी। इस जन्माष्टमी को आप अपने घर में मनाकर भगवान को रिझाएँ और उनकी कृपा से अपने मनोरथ पूर्ण करें।

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