Source: Rajshri Soul

गणेश सहस्रनाम वीडियो लिरिक्स के साथ | Lyrics Ganesh Stotram

शुक्लांबरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्

प्रसन्नवदन हम दिया यह सर्व इग्नोर

प्रशांत यह

ओम गणेश्वर गणक रीड ओगणा हाथों गणाधिप हक

गंध तो वक्रतुंडाय गजवक्त्र महोदय यह

लंबोदर धूम्रवर्ण टो बे न ऑप्शन है समुद्र

में भिगो राजू

भैया प्रमोद आणद सुनंदो मदद कटहल हेरंब

शंभो शंभो लंबा कारणों महाबली लंदन ओलंपिक

में घनन घनन

विनायक विरूप शूरवीर वह

कि महागणपति बुद्धिप्रिय क्षिप्रप्रसादनाय

नम अ रूद्र प्रयोग अनादि अक्षय कुमार

पुत्रगण आसन ह कुमार गिरीश चंद्र पुत्र

मूषक वाहन हक सिद्धिप्रिय सिद्धि पति

सिध्दीविनायक यह कर्व एक स्तंभ कुरु संभव

है वाहन मोहिनी स्त्री यह कट घंटों राजू

पुत्र शाकल्य संभावितों में तरह कुष्मांडा

संभवत दूर जइयो दूर जइयो जइयो हक भूपति

भुवनपति और भूतानाम् पति द्रव्य हक

श्वकर्ता विश्वमुखा विश्वराजा रूप

रगुण यह कवि कवि नाम ऋषभ को ब्राह्मण

न्यू ब्रह्म वित्त पर यह जेकरा जो निधि

प्रतिनिधि प्रिय पति पर यह किरण

महत्वपूर्ण तथ्य सूर्य मंडल मध्य यह

कराहती ध्वस्त सिंधु असली लव पूषदंतभित्

उमंग अकेले लिक्विड उनकी मुक्ति में कुल

अपावन ह किरीटी कुंडली हारी वनमाली मनोमई

यह वही मुख्य अतिथि श्री पद्धति तक स्थिति

सद्योजात अ स्वर्ण-मुद्राओं में खरीदकर

निमित्त व्रत दिवस व्रत प्रकरणों * नाटक

प्रतिष्ठित हरस्वरूप असर व नेत्र

आदिवासियों वीरासन आशा यह पितंबर अखड़ अखढ

वैशाख असम स्थित हर चित्र घनश्याम दर्शनों

भारत चंद जो हविर्भू जहां योगा टिप्स तारक

अस्थल पुरुषों बजाकर न

धीरा जो विजय अस्थि रोग प्रतिरोधक हृदय व

स्मरण

अध्यापकों की

उपस्थिति 299 299

मृत्युंजय योग व्याघात नंबर

इच्छाशक्ति अवधेश पुत्र आदित्य वर्धन है

कि तो वक्त रोधी व शंभु को पहाड़ चंबा

हास्य भु शंभू तेजा शिवा शो के हारी गौरी

सूखा वह घुम गमला जो गौरी तेज जो भूषण पर

धुंध भवाह अज्ञ का यो महाराणा दो गिरी

वर्षमा शुभ नन्हक सर्वात्मा सर्वदेव आत्मा

ब्रह्म विधायक प्रति-ब्रह्मांड संभव चित्त न

धरई में एनिमेशन

अध्यक्ष विरेंद्र कर दो धर्म धर्म श्याम अमृत

वाणी गिव वन

अधिकतम करो ब्रह्मविद्या मधोक तरह कुलांचे

अलार्म सोमवार को घंटों रूद्र शिरोधारा

नदी-नद अब

स्कुली खस्ता रख यह वृक्ष हृदयों में रुष

नवोदय हक है व्यक्ति गंधर्व रक्षक किन्नर

मनुष्य पृथ्वी कटी सृष्टि लिंग शैलो

रुदड़ौल जानू कहां पाताल अंगों मुनि पात

का अलार्म को शास्त्री स्तनों

ज्योतिर्मंडल अलांग ओं हृदयाला निश्चल यह

द्विपद मणिका शालित के लिए सरोवर हद भक्त

ध्यान न पूजा वार्ड निवासी आदित्य प्रताप

का श्रवण को विस्थापित भव्य श्री धार्मिक

खोज श्वेता प्रथम प्रति पर यह चिंतामणि

अधिपति कल्पद्रुम वरना यह रत्न मंडप

मध्यस्थों रत्न सिंहासन

अधिक तीव्र 02 जालिमों लाल नंद तपिश हीर

दो भूषित आसन

अधाधुंध

पूरा दुगना संशयाह कि तेजवती शिरो रत्नम

सत्या नृत्य व तम से तहत वैकुंठ

सर्वशक्तियों बुझाला यह लिपि पद्मासन

आधारो वहीं धार्मिक त्यौहार उन्नत अप

दुग्गल फस अमृतपाल ने कहा तीन जांघों

अशिष्ट जानुओं रूप प्रोन्नत कटी हुई निम्न

लाभ इस फूल को चिपके न

धक्कम-धक्का कोलंबो कोलंबो

भव्य मदर टुनग अस्तव्यस्त संतों-महंतों रस

व्रत यह शूर्पकर्ण मस्तक तब तक प्रारंभ

रत्नमुनि निरंकुश

अहीरवाल

यज्ञोपवित वाहन स्तर पैक प्रोटीन

अधिकतर पर आज 7766 रख तो रक्तांबर धरो

रक्त मामला विभूषण रखते क्षणों रक्त करो

रक्तदाब बूस्ट अप अल्लाह श्वेता

श्वेतांबरधरा शुचि वे तमाम लोग विभूषण

श्वेता तप्त रुधिर अश्वेत अजाण वित्त सचिव

व संपूर्ण सर्व लक्षण लक्ष्य

सवर्ण शुभ कार्य सर्व शोभा समन्वित सर्व

मंगल मांगल्य सर्वकारण

सर्वदेव वर्ष आउंगी पूरी तरह भंग गोलोक

सारंग अस्तुति वर्धन हकरी कुंडली

वनमाली भंग

चुपचाप प्रश्नावली चक्र पानी सरोज मृत

घोषित तौर पर अश्लील मंत्री स्वतंत्र

व्यक्ति कल्पवल्ली धरो विशाल भैया में का

करो वशी अक्षमाला धरो ब्यान उधर आह्वान

उधर यह पूर्ण पात्री कम धरो विद्रूपताओं

को समूह की तरफ था आम्रफल वस्तु तक अली का

व्रत कथा श्रवण

पुष्कर स्थित स्वर्ण घटी पूर्ण रत्ना विवश

हक भारतीय सुंदरी नाथूराम विनायक

रतिप्रिया अ

महालक्ष्मी प्रियतमाय नमः सिद्घ लक्ष्मी

मनोरप्राय नमः रमेश व पूर्व व दक्षिण

महेश्वर महेश्वर हवा मांगों के अंदर

पश्चिम महामोद जनम प्रमोद प्रमोद

संवर्धित महा वृध्दि

प्रवणता

शुक्रिया-शुक्रन

अधिक मुखर न

धर्मो न था वृद्धश्रवाः विक्रम निम्न

चरणों द्राविणी शक्ति अतः तीव्र प्रसन्न

नयनों वाली नेपाली कई कार्यक्रमों ही

नियमों भोग विदाई निशिकांत मंडल यह कमीनी

कांत वक्त शरीर अधिष्ठित वसुंधर हर वस्तु

धारा मधुर ना दो महाशंख निधि प्रिय नमक

वसुमती माली महापद्मनंद प्रभु सर्व सदगुरु

शमशुद्दीन

अधिवेशन मूर्धा देवेंद्र शिखर धवन अनहद

प्रयोग नयनो दिव्य दिव्य दृष्टि उत्पन्न

अधिग्रहण पर यह जुड़े परिवारों

अनध्याय वाह यार जो नित्य नंद भवन स्थित

झाल अभिलाषी नीरु तोलना स0 सौंदर्य मंडी

तरह की अनंत अनंत सुख सदा शिव मंगलम शिव

मंगलम हक न्याय न शल्यक्रिया आधार

इच्छाशक्ति वितरण शुभ कसम शपथ दो ललिता

ललिता सखी यह कमीनी पालन नहीं किया मिनी

के लाल

सरस्वत यह प्रयोग गौरी नंदन अ श्रीनिकेतन

गुरुपद वाचासिद्धि

वागेश्वरी पति नलिनी कामों को मारा मुझे

उठा मनोरमा रुद्री मुद्रित अपराध जो हम

भोज्य स्तुंग शक्ति का विश्वास जनक राणा

स्वाहा शक्ति सकी

अमृता दिक्षित वास ओं मधुमिता लोचन

चिचेस्टर आपको गणेश गणनायक

सार्वकालिक कसम सिद्ध नित्य सेवन दैनिक

अंबर हद न पायो ननद दृष्टि व प्रमेय जरा

मरहला विलो प्रतिशत चित्तौड़ अमृतम अक्षर

हक प्रत्युषा यो यो ना धारोणा मल अहम

यसअघि रचयिता घोड़ों अगली समान हक अन्ना

का आरोप भूमि यज्ञ भावना व्यक्त लक्षण

आधार पीठम आधार आधार राधेय वर्जित है

आंखों के तनाशा पूरा रखो महारथ इशान

अध्यक्ष बीबी बहल इंद्रगोप समान अछि त समय

ज्योति इंदिवर

महेंद्र मंडल मंडी

प्रिय

त्यौहार पर यह इश्क को वृध्दि कर्तव्य

अच्छी तरह की शान अमोली ईशान दिशा न प्रिय

की तिमाही कृष्णात्रेय कल्पांतर यह मात्र

अव्यवस्थित उपेंद्र उदाहरण मॉलीवुड अनाहत

चक्र पर यह कुन्नत अनुअर उदार रस्त्रीय

शागिर्दी डोर जसवंत स्माल माधव हापोह

अधूरा सदस्य हर रोज गुस्सा मनोनयन

रिद्धि-सिद्धि इस तरह का रुख तय भ्रूण

हत्या विमोचन हल उक्त अवैध न स्वभक्तानां

लुप्त शक्तिपीठ सूरत व श्याम लुक तस्वीर

प्रणव था विस्फोट

अनधिकृत आसन हद तक अच्छी तरह कि लहसुन

अध्ययन-अध्याय

हुआ था ओम कारवा चौठ ओंकार और जसवंत औषधि

पति ही अवधारि अनिरुद्ध त्यौंथर

ब्रह्मा ब्रह्मा चित्तौड़ ब्रह्मचारी

बृहस्पति तपो ब्रह्म पर भ्रमण भ्रमण पर यह

ना

चीत्कारों ब्रम्हांड में तद्रूप

पद्धति लक्ष्मी को भर्गो भद्र भैया पहल

भगवान भक्ति व भूतिदो भूषण भव्य पुस्तकालय

वो गंदा तारु मत जगह तरह मंत्रों मंत्र

पति मंत्री मदन महतो मनोज महकमे के खिलाफ

इश्वरो मंदिर गतिर्मम अधीक्षण

महाबला महावीर्या

महाप्राणों महामना यह यज्ञ पत्ते यज्ञ

सप्ताह जयफल अपराध यश करो यो यो यो हनी को

रश रश हो रनजकु मनर चित्र राज्य रक्षा करो

रत्नगर्भा राज्य प्रधान

अध्यापक लोकविश्रुत हर वर्ष न्यू

व्वे दांत

करता सब्सक्राइब विधाता

विश्ववविद्यालय

निवारण दिवस व दोनों विश्व धारो

विश्वेश्वर ओं विभागों शब्द ब्रह्म क्षमता

प्राप्त यह शंभू शक्ति गणेश्वर हक रास्ता

शीघ्र निर्णय शरण यश अमरेश्वर हद शत्रुओं

को समस्त रघुवीर शरण आधार अश्लील रह संसार

व्यस्त-व्यस्त

अव्यय जन्म सृष्टि स्थिति यात्री डर

सूरजकुंड जब ए ड क ह क सिंदूर तमाम सांभर

सदसत् कि द यह कि साक्षी समुद्र मंथन

स्वयं वैद्य स्वयक चिन्ह स्वतंत्र

अस्तित्व संकल्प सामगान व्रत सुखी हंसो

हस्ति पिशाचि शो हवन हव्य कव्य भूख यह

व्यायाम होता प्रयोग रिस्टोर लिखवा मंत्र

मध्य यह क्षेत्र विपक्षमा भरता क्षमा

क्षमा पर यह कृषि प्रक्षेत्र मकर अक्षय

मनन दक्षिणी सूरज ब्रह्म धर्म प्रबोधक

चाणोद आता सौभाग्य वर्धन हक विद्या प्रभाव

दो भक्ति मुक्तिफल प्रदाह अभिरूप करो वीर

अ श्रीपद दो विजय प्रदत यह कर अवश्य करो

गर्भकोष हां पुत्र पुत्र दहल मेधा व्यक्ति

दशाओं का हारी दुर्भाग्य नशन हक प्रतिवादी

मुख्य स्तंभ और उचित प्रसाद अनहद पर

अभिचार शव देख ले बंधु शायद यह लफ्ज़

त्रुटि कला काष्ठा निदेशक प्रशिक्षण

घटी मुहूर्त अपराह्न रोधी वाहन अधिकतम

अहर्निश संपन्न

अधिक तय दमकल को महालय यह राशि तरह स्थिर

योग व करण मुख्य कम लगना आम हो रहा

कार्यक्रम में सप्तर्षियों को विवाह राहु

कबीर वह भ्रमणशील रवीश

सृष्टि स्थिति प्रॉब्लम था वरम जगत-प्रभु

राहु निमरोज महान कृति प्रकृतिपर मान

ब्रह्मा विष्णु शिव वृद्धि शक्तियां सदा

शिव यह कि दशा पर तरस सिद्ध यश लेकिन नराह

सिद्ध विद्याधर आप भूता मन

[संगीत]

अधिक लाभ

को संयम पातंजल योग पुराण आदि

वेदांग

सदाचारों मीमांसा इस तरह आयुर्वेद

धनुर्वेद दो गांधी एवं काव्य नाटक वह

संभोग वर्तमान

अधिनायक जय हे भारत सहित सदस्य व्यक्तित्व

व्यक्तित्व चेतन-अवचेतन

ए बन ओं मोक्ष हुकम वह योग असत्य मंत्र

महान स्वस्ति हूम फट स्वधा स्वाहा

विद्यानंद दो बोध संवित् समूह समूह

अक्षर आधार एक अक्षर परायणा हे गिरिधर

कविराय एक ने स्वरूप अदरक पीरु पोज में

वृध्दि पर रक्षक

पूर्व

विनोद

धाम

त्रिवर्ग

त्रिगुणात्मक शक्ति

त्रिलोचन चतुर्विध वृद्धि पर व्यक्ति

प्रवर्तक हक चतुर्बाहुं चतुर्दंत चतुर

चतुरभुज

चतुर्विध पध चतुर्वर्ण्य शर्मा

चतुर्थी पूजन अपहृत चतुर्थी तिथि सं वाह

पंचाक्षर आत्मा पंचायत महापंचायत पंचक

रक्तमेह

पंचधार पंक्चर वर्णन

अध्ययन-अध्यापन वृध्दि एवं शुभ रंग महरुन

अधम

दूर-दूर शर्मा घनश्याम

सप्ताह लक्षण सप्ताह विपणन अधिकारी

यह सब तक छंदो निदेशक तत्व सप्तस्वर आशय

यह कि तब तक अधिक एलिका सारस्वत मात्र

निषेध वित्त हर्षित छंदों दम दस्तखत छंदों

महाप्रभु

अष्ट-मूर्ति दिव्य मूर्ति रशीद प्रकृति

कारणों अष्टांग योग फल फ्रूट दशरथ राम

पूजा आसन हक शक्ति समानता श्री रशीद

ऐश्वर्या प्रवर्धन हल अष्ट पीठों पर पीठ

अछि ट्रस्ट मात्र समावृत हल अष्टभैरव से

व्यवस्था वसुबंधु अष्टमूर्ति व्रत अशोक

चक्र पूर्ण मूर्ति द्रव यह वे यह क्रश ही

र शाम अच्छी तरह ऐश्वर्या प्रदाहक नव नागा

संन्यासी नवनिधि अनुशासित हक नवद्वार पूरा

व्रतोत्सव द्वारा निकेतन हद नवनाथ महान

हाथ और नव नाग विभूषण

कि

नवनारायण वस्तुयों नवदुर्गा अंश वित्त हर

नवरत्न विचित्र अंगों नवशक्ति शुरुआत हद्द

आत्म को द अभी जो दर्शक प्रतिबंधित हद्द

अध्यायो दशक प्राणों तय हुआ था द अक्षर

महामंत्र दशा व्यक्ति विग्रह का दर्शन

महारुद्र इस उत्सव का दशरथ द्वारा द

अवधेश निकेतन

अध्यक्ष विनोद

दैवतम चतुर्दशी व्रत अनंतचतुर्दशी मनु

प्रभु चतुर्दश आर्य विद्यालय चतुर्दश

जगत्पतिं सामान

अध्यक्ष

निर्मल अतिथि पंच यॉर्क स्थित यापन अध

तप अलावा षोडश हिंदू कलात्मक यह कला

सप्तर्षि सप्तशक्ति दशाक्षर

हर्षद विपत्र अष्टादश पुराण कृत्य

अष्टादशाध्याय सृष्टि रचयिता द अवधेश उस

तरह का श्राद्ध छिपे व्यष्टि समष्टि ध्यान

रखो विद्रोह अष्टादशा न कम पत्र

अष्टादशभुजा अधिकृत एक अग्रिम छपवाने का

व्रत यंग क्लिप अल्लाह

चतुर्विंशति तत्व आत्मा पंक्चर विमुख व

पूर्व शहर सप्ताह विम्शति तारे शत-शत

विम्शति योग व कृतित्व trim शक भैरव आदि

शिव स्तुति मिशन महाविदेह क्षेत्रम शर्ट

तत्व संभूति रक्तिम शक कलात्मक हर पंचायत

विष्णु शक्ति शिव पंचाक्षर मंत्र का यह

द्विपंचाश तत्व पोषण इत्र अश्लील यह

पंचायत कि अक्षरा श्रेणी पंचायत शत्रु

ग्रह चतुशिरस्क टीम महान सिद्ध योगी ने

वृंदावन पहल न देखो ना पंच आसन मरुत वर्ग

अनर्गल हक चतुशिरस्क अर्थ निर्णय लेता

चतुर षष्टी कलानिधि

अश्लील महा तीर्थक्षेत्र भर अवधि तय चतुर

नवती मंत्र आत्मा ऑप्शन अधिक प्रभु शतानंद

शपथ प्रयत्न

धारा वह समय पर निर्णय सशस्त्र पनीर भूषण

सब्सक्रिप्ट प्रणाम

सब्सक्राइब अल्लाह यह देश भर फनी फनी

राज्य करता था सन

अधीर व

रक्षा धारण मंत्रों महक चतुर लक्ष जप तप

चतुर लक्षण प्रकाश हक चतुर्दशी तिथि लक्षण

आम जीवन आमदनी असम स्थित ह कोटि सूर्य शत

प्रति शत कोटि चंद्र निर्मल यह बोध भव्य

कोठी विधायक रणधीर व सप्तकोटि महामंत्र

नेतृत्व व ज्योति

सब्सक्राइब प्रभु आनंद दाता

ख्यानन अध्यक्ष अनंत अनंत श्री अनंत ओपन

अध्यक्ष अनंत शक्ति सहित तो यह नथुनी

संभवतः है

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