भये प्रगट कृपाला lyrics

भये प्रगट कृपाला दीन दयाला,
कौशल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप विचारी॥

लोचन अभिरामा, तनु घनश्यामा,
निज आयुध भुज चारी।
भूषन बनमाला, नयन विशाला,
शोभा सिंधु खरारी॥

कह द्विज धरि आयसु अपनायसु,
आयसु पालनहारी।
मुनि वृंद द्विज वृंद निकट बृंद,
बाल बेष बनवारी॥

घन स्यामल गात्र, नयन नीरजात्र,
सोभा सिंधु अपारी।
सुखदाई स्वामी, बाल रूप धामी,
विरचित विपिन बिहारी॥

करि प्रणाम जोरि जुग पै जोरि,
अस्तुति कहत ग्वारी।
तात सो तात भयउ हम पर,
यह अनुग्रह अपारी॥

बिप्रवर मुदित, देखि सुख पुनीत,
गवने लगे किनकारी।
कौशल्या आनंद, न होति अखंड,
बिलोकत नयन भारी॥

नाम रूप धरि कै बच्चा,
देखत रूप ललाचा।
आवा भाग्य हमारे,
जनम सफल होय द्वारे॥

मातु पिता कै अंचल,
निरखि निरखि लाज बचै।
जसुमति जनक ब्रह्मचारी,
रघुवर के रूप निहारी॥

यह चरित कौसिक रचिय,
रामचरित मानस महा।
तुलसीदास रचना नाम,
भयउ प्रसिद्ध जग जाह॥

जय जय जय रघुकुल केतु,
जय जय जय सीतापति।
जय जय जय प्रभु परमेश,
जय जय जय दशरथ नंदन॥

जय जय जय देव कीरत

भये प्रगट कृपाला अर्थ, मूल्य और लाभ

भये प्रगट कृपाला अर्थ:

अर्थ का तात्पर्य किसी शब्द, वाक्य, विचार या घटना के पीछे का अभिप्राय या मतलब से है। यह उस संदर्भ को भी दर्शाता है जिसमें कोई चीज अपना महत्व रखती है।

भये प्रगट कृपाला मूल्य:

मूल्य किसी वस्तु, सेवा, विचार या व्यक्ति की महत्ता, उपयोगिता या मान्यता को दर्शाता है। मूल्य नैतिक, सामाजिक, आर्थिक या व्यक्तिगत हो सकते हैं और ये हमारे निर्णयों और आचरण को प्रभावित करते हैं।

भये प्रगट कृपाला लाभ:

लाभ का अर्थ है किसी गतिविधि, निर्णय या निवेश से प्राप्त होने वाला फायदा या अच्छा परिणाम। लाभ आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, संतोष आदि के रूप में हो सकता है।

उदाहरण के लिए, शिक्षा का अर्थ है ज्ञान और कौशल का अधिग्रहण, इसका मूल्य व्यक्ति और समाज के विकास में निहित है, और इसके लाभ में बेहतर रोजगार के अवसर, सामाजिक स्थिति में सुधार और आत्मनिर्भरता शामिल हैं।