सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई में स्थित, भगवान गणेश के सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय मंदिरों में से एक है। यहाँ की आरती, जिसे सिद्धिविनायक आरती कहा जाता है, भक्तों के लिए एक दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव होता है। यह आरती न केवल भगवान गणेश की भक्ति में लीन होने का एक साधन है, बल्कि यह भक्तों को मानसिक शांति और आत्मिक संतुष्टि भी प्रदान करती है।

सिद्धिविनायक आरती

जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति
दर्शनमात्रे मन:कामना पूर्ति
जय देव जय देव ।। धृ.।।

सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति
दर्शनमात्रे मन:कामना पूर्ति
जय देव जय देव ।। १ ।।

लंबोदर पीतांबर फणिवरबंधना
सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति
दर्शनमात्रे मन:कामना पूर्ति
जय देव जय देव ।। २ ।।

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय
लंबोदराय सकलाय जगदीश्वराय
नागाननाय श्रुतियज्ञ विभूषिताय
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ति
दर्शनमात्रे मन:कामना पूर्ति
जय देव जय देव ।। ३ ।।

आरती श्री सिद्धिविनायकाची ।।

सिद्धिविनायक आरती का महत्व

सिद्धिविनायक आरती का महत्व इसके गीतों और धुनों में निहित है, जो भक्तों को भगवान गणेश के चरणों में समर्पण करने के लिए प्रेरित करते हैं। इस आरती के माध्यम से, भक्त अपनी समस्याओं और चिंताओं को भगवान के समक्ष रखते हैं और उनसे समाधान और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

सिद्धिविनायक आरती के लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: सिद्धिविनायक आरती का नियमित पाठ आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  2. मानसिक शांति: इस आरती के पाठ से मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है।
  3. सफलता में वृद्धि: भगवान गणेश की कृपा से भक्तों के जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।
  4. विघ्नों का नाश: सिद्धिविनायक आरती का पाठ जीवन के विघ्नों और बाधाओं को दूर करता है।