
आप जानते हैं कि महाकुंभ में क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे की चमत्कारी कहानियां क्या हैं?
महाकुंभ का इतिहास ‘समुद्र मंथन’ से शुरू होता है। जब देवता और असुर अमृत के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे, तो अमृत कलश के लिए एक भयंकर लड़ाई हुई थी।
मोहिनी रूप में भगवान विष्णु ने अमृत का कलश बचाया, लेकिन इस दौरन कलश के कुछ बूंदें 4 जगह गिर गईं – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक। तभी से ये जगह पवित्र मणि जाती है।
महाकुंभ हर 12 साल में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यहां के ग्रहों की स्थिति वापस वही होती है जो उस समय थी जब अमृत की बूंदें गिरी थीं
कहा जाता है कि महाकुंभ के दौरों में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।
महाकुंभ एक आध्यात्मिक यात्रा है जो हमें अपनी संस्कृति, धर्म और आस्था से जोड़ने का काम करती है। तो, आपने महाकुंभ का अनुभव क्या किया है?