संतोषी माता, हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवी, संतोष और संतुष्टि की अवतार मानी जाती हैं। उनकी आरती, एक धार्मिक स्तुति गीत, भक्तों द्वारा उनकी पूजा के समय गाई जाती है। यह आरती न केवल देवी की भक्ति का एक रूप है, बल्कि यह भक्तों को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि की अनुभूति भी प्रदान करती है।

Jai Santoshi Maa aarti in Hindi

जय संतोषी माता, माया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन की, सुख सम्पत्ति दाता॥

सुंदर चीर सुनहरी, धारण कीन्हो हीरा।
रत्न जड़ित सिंहासन, बैठी चंवर ढुरे प्यारे॥

गुड़ और चना परम प्रिय, तामें संतोष कियो।
संतोषी कहलाई, भक्तन विभव दियो॥

शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई, कथा सुनत मोही॥

मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक, चरणन सिर नाई॥

भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै।
जो मन बसै हमारे, इच्छित फल दीजै॥

दुखी दारिद्री रोगी, संकट मुक्त किये।
बहु धन धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिये॥

ध्यान धरे जो तेरा, मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो॥

जय संतोषी माता, माया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन की, सुख सम्पत्ति दाता॥