24 अगस्त 2024 का पंचांग और चौघड़िया: राहुकाल, तिथि और शुभ मुहूर्त

आज का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण हो सकता है। अगर आप कोई नया कार्य शुरू करना चाहते हैं या फिर किसी महत्वपूर्ण निर्णय को लेना चाहते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि दिन का कौन सा समय शुभ और कौन सा अशुभ है। यहां पर 24 अगस्त 2024 का पंचांग, चौघड़िया, राहुकाल, तिथि और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।

आज का पंचांग (24 अगस्त 2024)

  • तिथि: अष्टमी (शुक्ल पक्ष)
  • वार: शनिवार
  • माह: भाद्रपद
  • नक्षत्र: अनुराधा
  • योग: सुकर्मा
  • करण: बालव
  • सूर्योदय: 05:52 AM
  • सूर्यास्त: 06:40 PM
  • चंद्रमा: वृश्चिक राशि में

चौघड़िया मुहूर्त

चौघड़िया मुहूर्त दिन और रात के समय को शुभ और अशुभ भागों में विभाजित करता है। इन मुहूर्तों का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जाता है। 24 अगस्त 2024 के लिए दिन और रात के चौघड़िया इस प्रकार हैं:

दिन का चौघड़िया:

  • लाभ: 07:25 AM से 09:00 AM तक
  • अमृत: 09:00 AM से 10:35 AM तक
  • काल: 10:35 AM से 12:10 PM तक
  • शुभ: 12:10 PM से 01:45 PM तक
  • रोग: 01:45 PM से 03:20 PM तक
  • उद्वेग: 03:20 PM से 04:55 PM तक
  • चर: 04:55 PM से 06:30 PM तक

रात का चौघड़िया:

  • लाभ: 07:05 PM से 08:40 PM तक
  • अमृत: 08:40 PM से 10:15 PM तक
  • काल: 10:15 PM से 11:50 PM तक
  • शुभ: 11:50 PM से 01:25 AM तक
  • रोग: 01:25 AM से 03:00 AM तक
  • उद्वेग: 03:00 AM से 04:35 AM तक
  • चर: 04:35 AM से 06:10 AM तक

राहुकाल

राहुकाल एक ऐसा समय है जिसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना निषिद्ध होता है। 24 अगस्त 2024 को राहुकाल का समय इस प्रकार है:

  • राहुकाल: 09:00 AM से 10:35 AM तक

अभिजीत मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त को अत्यंत शुभ माना जाता है और यह किसी भी शुभ कार्य के लिए उपयुक्त होता है। 24 अगस्त 2024 के लिए अभिजीत मुहूर्त इस प्रकार है:

  • अभिजीत मुहूर्त: 11:56 AM से 12:47 PM तक

दिशा शूल

दिशा शूल के अनुसार, आज के दिन पश्चिम दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर यात्रा करना अति आवश्यक हो, तो घी या जौ का सेवन करके यात्रा पर निकलें, जिससे दिशा शूल का प्रभाव कम हो सकता है।

आज का पर्व और व्रत

24 अगस्त 2024 को कोई प्रमुख व्रत या त्योहार नहीं है। फिर भी, भक्तजन आज के दिन का उपयोग भगवान की आराधना और साधना के लिए कर सकते हैं। इस दिन के विशेष नक्षत्र और योग के कारण आध्यात्मिक साधना का विशेष महत्व है।