शिवलिंग की पूजा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण मानी जाती है। भगवान शिव के भक्त उनकी आराधना में विशेष नियमों का पालन करते हैं, ताकि उनकी पूजा विधिपूर्वक हो सके और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त हो। हालांकि, कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना गया है। इस लेख में हम उन चार चीजों के बारे में जानेंगे जिन्हें शिवलिंग की पूजा के दौरान कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।

1. तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों का उपयोग हिंदू पूजा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, लेकिन शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते चढ़ाना वर्जित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय मानी जाती है और भगवान शिव के साथ इसका उपयोग निषिद्ध है। इसका कारण यह है कि तुलसी ने भगवान विष्णु के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की थी और भगवान शिव को इसका अपमान माना जाता है।

2. केसर

केसर, जिसे सैफरन भी कहते हैं, एक पवित्र और महंगी वस्तु है जिसका उपयोग पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। हालांकि, शिवलिंग की पूजा में केसर का उपयोग वर्जित माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, केसर का उपयोग केवल विष्णु पूजा और लक्ष्मी पूजा में ही किया जाना चाहिए। शिवलिंग पर केसर चढ़ाने से भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं।

3. हल्दी

हल्दी का उपयोग धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। लेकिन शिवलिंग की पूजा में हल्दी का प्रयोग वर्जित है। इसका मुख्य कारण यह है कि हल्दी का उपयोग मां पार्वती की पूजा में होता है और भगवान शिव की पूजा में इसका उपयोग नहीं किया जाता। भगवान शिव की पूजा में बिल्वपत्र का अधिक महत्व है।

4. नारियल का पानी

नारियल और नारियल का पानी हिंदू पूजा में शुभ माना जाता है। इसे भगवान को अर्पित करना एक पवित्र कर्म है, लेकिन शिवलिंग पर नारियल का पानी चढ़ाना निषिद्ध है। यह माना जाता है कि नारियल का पानी चढ़ाने से शिवलिंग की ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है और इससे भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं। इसलिए, शिवलिंग की पूजा में केवल पवित्र जल, दूध, और बिल्वपत्र का ही उपयोग करें।