बृहस्पतिवार व्रत कथा हिंदी में :

एक समय की बात है, एक गांव में एक धनवान व्यक्ति राहत नामक व्यक्ति रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उसकी पत्नी बहुत कंजूस थी। जब कोई भिखारी आता, तो उसे कुछ नहीं देती थी।

एक दिन, एक गुरु बृहस्पति के रूप में आकर भिख्शा मांगने उसके घर आया। जब गुरु ने भिख्शा मांगी, तो पत्नी ने कहा, “ओ संत! मुझे दान देने से तंग आ गया है, कोई ऐसा उपाय बताओ जिससे मेरा सम्पत्ति समाप्त हो जाए और मैं सुख से रहूँ।” गुरु ने कहा, “ओ देवी, तुम बहुत अजीब हो, क्या धरती पर कोई ऐसा है जिसे संतान और धन नहीं मिलता।

अगर तुम्हारे पास धन है तो उसके साथ शुभ कार्य करो, यह तुम्हें इस जीवन और स्वर्ग में खुश रखेगा।” पत्नी को गुरु के उपदेश से खुशी नहीं हुई, उसने कहा, “मुझे वह धन नहीं चाहिए जिसे मुझे दूसरों को देना पड़े।”

गुरु ने कहा, “अगर यही तुम्हारी इच्छा है, तो मेरे कहने के अनुसार करो, हर गुरुवार को अपने घर को गोबर से लेपित करो, बालों में पीली मिट्टी लगाओ, नहाने के समय साथ में मांस और शराब लो, भोजन के दौरान अपने कपड़े धोबी को धोने के लिए दो, और अगर तुम यह सात गुरुवार तक करोगी, तो तुम्हारी सम्पत्ति समाप्त हो जाएगी।”

गुरु बृहस्पति के उपदेश के अनुसार, पत्नी ने सात गुरुवार तक वह सब किया और उसकी सम्पत्ति समाप्त हो गई। उसका परिवार भूखा होने लगा। एक दिन राजा ने पत्नी से कहा, “ओ रानी! तुम यहाँ रहो, मैं किसी अन्य देश में चला जाऊं ताकि मैं अपना जीवन-यापन कर सकूं।”

इसके बाद, उसके पुत्र ने सब कुछ विस्तार से समझाया। इसके परिणामस्वरूप, राजा अपनी बहन के घर पहुंचा और उसे बताया। इस प्रकार, बृहस्पति देव की कथा सुनकर, उसकी सम्पत्ति समाप्त हो गई। इस व्रत का पालन करने वाले की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। इ

बृहस्पतिवार व्रत के नियम इस प्रकार हैं:

  1. व्रत करने वाले को पहले से साफ-सुथरा होकर स्नान करना चाहिए।
  2. पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और पीले रंग के फूलों से सजी हुई केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
  3. पीली मिट्टी में हल्दी मिलाकर पूजा करनी चाहिए।
  4. व्रत के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए और मन, श्रद्धा, और भक्ति से व्रत करना चाहिए।
  5. व्रत के दिन ‘Om Gram Greem Graum Sah Gurave Namah’ मंत्र का 108 माला-जप करना चाहिए।

बृहस्पतिवार व्रत के दिन खाने के लिए आम तौर पर यह नियम अनुसरण किया जाता है:

  1. पीले रंग के फल और सब्जियां जैसे की केला, अमरूद, आम, अनार, आलू, गाजर, लौकी, आदि खाने चाहिए।
  2. दाल और चावल के व्यंजन भी बना सकते हैं।
  3. गुड़ और दही भी व्रत के दिन खाया जा सकता है।
  4. व्रत के दिन अनाज और दालों के उत्पादों का सेवन करना भी उपयुक्त होता है।

इन आहार सामग्रियों का सेवन करने से बृहस्पतिवार के व्रत के नियमों का पालन होता है और व्रत की शुभता में वृद्धि होती है।

क्या होते हैं बृहस्पतिवार व्रत के लिए और क्या उपलब्ध हैं

बृहस्पतिवार व्रत के लिए विधि और नियम अनुसार, व्रत करने वाले को पहले से साफ-सुथरा होकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद, उन्हें पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और पीले रंग के फूलों से सजी हुई केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, पीली मिट्टी में हल्दी मिलाकर पूजा करनी चाहिए।

इसके साथ ही, बृहस्पतिवार को संपूर्ण मन, श्रद्धा, और भक्ति से पूजा करना चाहिए। इसका पालन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, समृद्धि मिलती है, संतान सुख में वृद्धि होती है, और समस्त संकटों से मुक्ति मिलती है।

इसके अलावा, बृहस्पतिवार को प्रतिदिन ‘Om Gram Greem Graum Sah Gurave Namah’ मंत्र का 108 माला-जप करना चाहिए।इस प्रकार, बृहस्पतिवार का व्रत करने से प्रेम, समृद्धि, सुख-शांति, और प्रसन्नता मिलती है।