जय गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥

पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

गणेशजी की आरती जो कोई नर गावै।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावै॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

आइए गणेश जी की आरती के कुछ महत्वपूर्ण लाभों पर प्रकाश डालें।

1. विघ्नों का नाश

2. मानसिक शांति

गणेश जी की आरती गाने से जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं। वे अपने भक्तों की हर समस्या को हल करते हैं और उन्हें सुखी और संपन्न जीवन प्रदान करते हैं।

गणेश जी की आरती के स्वर और ध्वनियाँ मन को शांत करती हैं और चिंता, तनाव और अवसाद को कम करती हैं। यह आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करती है और मन को एकाग्रता और ध्यान में मदद करती है।

3. सफलता और समृद्धि

गणेश जी की आरती का जप करने से कार्यों में सफलता मिलती है और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आती है। वे अपने भक्तों को धन और यश प्रदान करते हैं।

4. आत्मविश्वास में वृद्धि

गणेश जी की आरती गाने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और व्यक्ति को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलती है। यह नकारात्मक विचारों को दूर करती है