अच्युतम केशवम एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है जो हिंदू धर्म में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की स्तुति करता है। यह गीत भक्तों को भगवान के चरणों में समर्पण की भावना का अनुभव कराता है और उनके हृदय में आध्यात्मिक उन्नति और शांति को प्रोत्साहित करता है।

अच्युतम केशवम

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहता है भगवान आते नहीं, तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं, जानकी वल्लभं।

अच्युतम केशवम का अर्थ

अच्युतम केशवम के शब्दों में गहरा अर्थ छुपा हुआ है। “अच्युतम” का अर्थ है जो कभी नहीं गिरता या अविनाशी, और यह भगवान विष्णु के एक नाम के रूप में उपयोग किया जाता है। “केशवम” एक और नाम है जो भगवान विष्णु के लिए प्रयोग किया जाता है, और इसका अर्थ है केश (बाल) और वम् (सुंदर) से, जिसका अर्थ है जिसके सुंदर बाल हैं। इस तरह, अच्युतम केशवम का अर्थ होता है “अविनाशी और सुंदर बालों वाले भगवान”।

अच्युतम केशवम का महत्व

अच्युतम केशवम भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण गीत है क्योंकि यह उन्हें भगवान विष्णु के दिव्य गुणों और उनकी अनंत शक्तियों का स्मरण कराता है। इस गीत का पाठ और गायन भक्तों को आंतरिक शांति प्रदान करता है और उन्हें आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है। इसके अलावा, यह गीत भक्तों को भगवान विष्णु की भक्ति में और अधिक गहराई से लीन हो ।