हनुमान जन्मोत्सव, जो हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस वर्ष भी उत्सव की धूम मची हुई है। भारतीय संस्कृति में हनुमान जी को भगवान शिव के अवतार माना जाता है और उनके जन्मोत्सव को विशेष माना जाता है। इस दिन भजन, कीर्तन और पूजा-अर्चना के साथ-साथ लोग हनुमान चालीसा और उनकी कथाओं का पाठ करते हैं।

इस वर्ष के हनुमान जयंती पर, भजनों का विशेष महत्व है। भजनों की ध्वनि से ही मन में भगवान की प्रतीति और भक्ति की भावना उत्पन्न होती है। भजनों में हनुमान जी की महिमा, उनके बलिदान, और उनके भक्ति में अद्वितीय समर्पण की कहानियां सुनाई जाती हैं। भक्तों की भावनाओं को स्पर्श करने वाले ये भजन हर वर्ष हजारों लोगों को अपनी ओर खींचते हैं।

हनुमान जयंती के दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में इस शुभ अवसर पर भजन संध्या का आयोजन करते हैं। इसमें हनुमान चालीसा, सुन्दरकाण्ड, बजरंग बाण, और भजनों का पाठ होता है। भक्तों की आवाज में गुंजित इन भजनों से माहौल और भी दिव्य हो जाता है।

इस वर्ष के हनुमान जयंती पर, जयपुर के बाबा हनुमान मंदिर में भजन संध्या का आयोजन विशेष रूप से किया जा रहा है। यहां पर लोग हनुमान जी के भक्ति गीत गाते हैं और उन्हें आराधना करते हैं। इसके अलावा, अन्य स्थानों पर भी हनुमान जयंती के अवसर पर भजन संध्याएं आयोजित की जा रही हैं।

हनुमान जन्मोत्सव के इस माहौल में भक्तों की भक्ति और समर्पण देखने योग्य होता है। हनुमान जी के भजनों की महिमा को गाते हुए लोग अपने जीवन में सफलता की कामना करते हैं और उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इस उत्सव में भाग लेने से व्यक्ति का मन और आत्मा शुद्धि की ओर बढ़ते हैं और उन्हें जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता मिलती है।