
गणेश आरती
बुधवार को भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।
बुधवार गणेश आरती
आरती युगलकिशोर की कीजै. तन मन धन न्यौछावर कीजै..।।
गौरश्याम मुख निरखत रीजै. हरि का स्वरुप नयन भरि पीजै..।।
रवि शशि कोट बदन की शोभा. ताहि निरखि मेरो मन लोभा..।।
ओढ़े नील पीत पट सारी. कुंजबिहारी गिरवरधारी..।।
फूलन की सेज फूलन की माला. रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला..।।
कंचनथार कपूर की बाती. हरि आए निर्मल भई छाती..।।
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी. आरती करें सकल ब्रज नारी..।।
नन्दनन्दन बृजभान, किशोरी. परमानन्द स्वामी अविचल जोरी ..।।
गणेश मंत्र
बुधवार व्रत महत्व
बुद्धि, ज्ञान, वाणी, रिद्धि और सिद्धि के देवता गणपति की पूजा बुधवार के दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि बुधवार का व्रत करने से बुध ग्रह से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत करने वालों को करियर में हर कदम पर सफलता मिलती है और मांगलिक कार्यों में कोई रुकावट नहीं आती। स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति के लिए भी बुधवार का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है।
बुधवार व्रत कब और कैसे शुरू करें ?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, बुधवार का व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के बुधवार से आरंभ करना चाहिए। इसके लिए 7, 11, या 21 बुधवार का व्रत लेने का संकल्प करें। अंतिम बुधवार को पूजा-पाठ और दान के बाद उद्यापन करें। बुधवार का व्रत रखने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है, और समय शुभ रहता है।
बुधवार व्रत कथा
एक समय की बात है, एक व्यक्ति की शादी को कई साल हो चुके थे। शादी के बाद उसकी पत्नी एक बार अपने मायके गई थी। पत्नी के मायके में रहने के कुछ दिनों बाद, पति अपनी पत्नी को विदा करने के लिए ससुराल पहुंचा। वहां कुछ दिन बिताने के बाद, उसने अपने सास-ससुर से कहा कि वह पत्नी को मायके से विदा करना चाहता है। लेकिन बुधवार होने के कारण सास-ससुर ने कहा कि इस दिन बेटी ससुराल नहीं जा सकती, इसलिए विदाई नहीं हो सकती।
फिर भी, वह व्यक्ति नहीं माना और पत्नी को मायके से विदा कराकर अपने घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में पत्नी को अचानक बहुत तेज प्यास लगी, तो पति पानी की तलाश में इधर-उधर घूमने लगा। काफी समय बाद जब वह पानी लेकर लौटा, तो देखा कि उसकी पत्नी के पास उसी की तरह के कपड़े पहने एक और व्यक्ति बैठा हुआ है और दोनों बातें कर रहे हैं।
दोनों लोग आपस में झगड़ने लगे। पहले व्यक्ति ने गुस्से में दूसरे से पूछा कि वह कौन है और क्यों उसकी पत्नी के साथ बातचीत कर रहा है। इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया। दूसरे व्यक्ति ने कहा कि यह उसकी पत्नी है। जब दोनों के बीच भयंकर लड़ाई शुरू हुई, तभी कुछ पुलिसकर्मी वहां आ गए और महिला से उसके असली पति के बारे में पूछने लगे।
महिला दोनों को देखकर हैरान रह गई कि असली पति कौन है। वह दुविधा में पड़ गई क्योंकि दोनों एक जैसे दिख रहे थे। पहले व्यक्ति ने परेशान होकर सोचा कि भगवान, यह कैसी लीला है। तभी आकाशवाणी हुई कि बुधवार को पत्नी को विदा करवा कर नहीं ले जाना चाहिए था। यह सुनकर पहले व्यक्ति को समझ में आया कि यह भगवान बुध की लीला है। फिर उसने बुद्धदेव से प्रार्थना की और क्षमा मांगी। तुरंत ही बुद्धदेव अंतर्ध्यान हो गए और उस व्यक्ति को उसकी पत्नी मिल गई।
तभी से हर दिन बुधवार को भगवान गणेश की पूजा होने लगी।
बुधवार पूजा विधि

बुधवार की पूजा कैसे करनी चाहिए?
बुधवार का व्रत रखने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है, और समय शुभ रहता है।
- बुधवार व्रत के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने के बाद घर या मंदिर में गणपति की पूजा करें।
- घर के ईशान कोण में गंगाजल छिड़ककर पूजा की चौकी स्थापित करें।
- अब गणेश जी का दूध, दही, घी, और शहद से अभिषेक करें। बुध देव का स्मरण करना न भूलें।
- चौकी पर गणपति को स्थापित करें और उन्हें लाल या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। कुमकुम, हल्दी, चंदन, अबीर, गुलाल, फूल, और सिंदूर चढ़ाएं।
- 11 दूर्वा की गांठ बप्पा को अर्पित करें, और हर बुधवार को मोदक या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। बुधवार व्रत की कथा सुनें।
- अंत में आरती करें, गाय को हरा चारा खिलाएं और जरूरतमंदों को दान दें।