पितरों की कृपा से जीवन में समृद्धि कैसे पाएं? | अनिरुद्दाचार्य जी

पितरों के उद्धार का कर्तव्य हम सभी की जिम्मेदारी है। पितृ पक्ष में अपने पितरों के उद्धार के लिए श्राद्ध करना, भागवत कथा सुनवाना, और उनके नाम से दान-पुण्य करना आवश्यक होता है। केवट की कथा से यह प्रमाणित होता है कि जब हम अपने अच्छे कर्मों से पितरों की सेवा करते हैं, तो वे सद्गति प्राप्त करते हैं। भागवत कथा सुनने और तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, और पितरों की कृपा से जीवन में समृद्धि और शांति आती है।

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