पितृदोष की मुक्ति के लिए पितरों का श्राद्ध करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। श्राद्ध करने का सही तरीका यह है कि श्रद्धा और भक्ति से पितरों का स्मरण किया जाए, उनके लिए तर्पण, पिंडदान, और विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। इस प्रक्रिया में ब्राह्मणों को भोजन कराना और दान करना भी शामिल होता है। श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के अनुसार, श्राद्ध कर्म से पितृदोष का निवारण होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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