
दुर्गा माता के आठ हाथ: सनातन संस्कृति और संगठित शक्ति का प्रतीक | श्री अनिरुद्धाचार्य जी
दुर्गा माता के आठ हाथ (अष्टभुजा) का प्रतीकात्मक अर्थ उनकी अद्वितीय शक्ति और सर्वव्यापकता का प्रतीक है। उनके आठ हाथों में विभिन्न शस्त्र होते हैं, जो अलग-अलग शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये शस्त्र बुराई और अन्याय से लड़ने की उनकी क्षमता को दर्शाते हैं।
आठ हाथों का अर्थ यह भी है कि वे चार दिशाओं में सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का सामना कर सकती हैं। चारों दिशाओं के साथ-साथ, यह दर्शाता है कि समाज के चार प्रमुख वर्ग (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र) को संगठित होकर एकजुट रहना चाहिए, जैसे कि दुर्गा माता के आठ हाथ सभी शक्तियों को नियंत्रित करते हैं।
आठ हाथों का प्रतीक एकता और शक्ति का भी संकेत देता है। यह एक संदेश है कि जब हम संगठित होते हैं, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं, जैसे दुर्गा माता शेर की सवारी करती हैं और राक्षसों का संहार करती हैं।
दुर्गा माता की इस शक्ति का उद्देश्य यही है कि समाज को एकजुट किया जाए और संगठन की शक्ति से हर बुराई का सामना किया जाए।
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